बुखार को ठीक करने के असरदार घरेलू नुस्खे- Bukhar Ko Thik Karne Ke Gharelu Nuskhe

 Bukhar Ko Thik Karne Ke Gharelu Nuskhe-बुखार को हिन्दी भाषा में ज्वर भी कहा जाता है। बुखार कोई बीमारी नहीं है अपितु यह एक लक्षण है दर्शाता है की शरीर किसी संक्रमण से ग्रस्त है। सामान्यतः मानव शरीर का तापमान 37° सेल्सियस या 98.6° फारेनहाइट रहता है। जब हमारे शरीर का तापमान 37° सेल्सियस या 98.6° फारेनहाइट से अधिक हो जाये तो हम बुखार की चपेट में हैं। सामान्य तौर पर होने वाले बुखार घरेलू उपचार से आसानी से ठीक हो जाते हैं।   



                                         
                              Bukhar Ko Thik Karne Ke Gharelu Nuskhe


Bukhar हमें जितना हो सके अंग्रेजी दवाओं से बचना चाहिये। इसलिए हम आपके लिए लायें हैं कुछ घरेलू नुस्खे जो आपके बुखार को आसानी से दूर भगा देंगे। हमें अपने आयुर्वेद के नुस्खों का इस्तेमाल करना चाहिये क्योंकि ये बहुत फायदेमंद होते हैं और शरीर को कोई नुकसान भी नहीं पहुँचाते।

बुखार के सामान्य लक्षण - Side effects of Fever in Hindi
बुखार बहुत प्रकार के होते हैं। कुछ बुखार आसानी से ठीक हो जाते हैं और कुछ ठीक होने में थोड़ा समय लगाते हैं। सामान्य बुखार के लक्षण इस प्रकार हैं:
शरीर का गर्म रहना।
शरीर में भारीपन रहना।
भोजन खाने का मन ना करना।
मन बैचेन रहना।
नींद का ना आना।
सिर दर्द रहना।
यह सभी सामान्य बुखार के लक्षण हैं। अगर आपको इस प्रकार के लक्षण शरीर में हैं तो वह नीचे दिये घरेलू नुस्खों से आसानी से ठीक हो जाएगा।

बुखार (ज्वर) को ठीक करने की घरेलू चिकित्सा - Home Solutions for Fever in Hindi
प्यारे भारत वासियों हम में से बहुत से भारतीय आयुर्वेद पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं करते। कुछ लोगों को आयुर्वेदिक चिकित्सा पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं हैं। प्राचीन काल में हमारे ऋषि-मुनि सभी चिकित्सा प्रकृति की चीज़ों से ही करते थे। परन्तु अभी हाल ऐसा है की हमारे सिर में थोड़ा सा भी दर्द हो तो हम अंग्रेजी दवा ले आते हैं। अपने आयुर्वेद में भरोसा करो और इसे जितना हो सके फैलाओ। आज हम आपको बुखार/ज्वर को ठीक करने के घरेलू उपाय बताएंगे।

1. हल्दी और सौंठ का पाउडर
दोस्तों हल्दी और सौंठ रसोई घर में पाए जाने वाले बहुत ही आम मसाले हैं। यह दोनों ज्यादातर सभी की रसोई में उपलब्ध होते हैं। तो आइये पढ़ते हैं इनके द्वारा आप कैसे बुखार को ठीक कर सकते हो।

इसके लिए आपको चाहिए
हल्दी - एक छोटी चम्मच
काली मिर्च - एक छोटी चम्मच
सौंठ - एक छोटी चम्मच चम्मच
पानी - एक कप
चीनी
करने का तरीका
ऊपर बताई गयी सभी चीजों को एक कप पानी में डालकर उबालें। जब पानी उबलते-उबलते आधा रह जाये, तो इसे ठंडा करके पीयें। इससे आपको बुखार में बहुत जल्दी आराम मिलेगा।
2. तुलसी - Gharelu Nuskhe
भारत में तुलसी के पौधे को बहुत पूजनीय माना जाता है और प्राचीन काल से तुलसी का उपयोग औषधियों में भी किया जाता आ रहा है। तुलसी में एंटीबायोटिक गुण होते हैं जिससे शरीर के अंदर से बुखार पैदा करने वाले जीवाणु बिलकुल समाप्त हो जाते हैं। तो आइये पढ़ने हैं तुलसी को बुखार के लिए उपयोग करने का तरीका।

इसके लिए आपको चाहिए
तुलसी के पत्ते - 10-15
लौंग - एक चम्मच पाउडर
पानी - एक लीटर
करने का तरीका
इसके लिए आपको एक लीटर पानी में एक चम्मच लौंग और 10-15 तुलसी के पत्ते डालकर तब तक उबालना है जबतक पानी आधा ना रह जाये।
इसके बाद इस पानी को छानकर ठंडा करने के बाद सेवन करें। इससे आपका बुखार बिलकुल ठीक हो जायेगा।
3. मेथी का पानी
मेथी के दाने ज्यादातर सबके रसोई घर में होते हैं। मेथी में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो बुखार को ठीक करने में बहुत उपयोगी हैं। तो आइये जानते हैं इसको उपयोग करने की पूरी विधि।

इसके लिए आपको चाहिए
मेथी के दाने - आधा कप
पानी

करने का तरीका
मेथी के दानों को रात को सोने से पहले पानी में भिगोकर रखदें। सुबह इसे छानकर हर एक घंटे बाद थोड़ा-थोड़ा मेथी का पानी पीयें। इससे आपको जल्द ही आराम मिलेगा।
4. हल्दी वाला दूध - Gharelu Nuskhe
दोस्तों हल्दी एक ऐसा मसाला है जिसका उपयोग करके बड़ी से बड़ी बीमारी भी ठीक की जा सकती है। हल्दी में एंटीवाइरल, एंटिफंगल, एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं। ये सभी चीजें बुखार को रोकने में बहुत सहायक हैं।

इसके लिए आपको चाहिए
दूध - एक गिलास
काली मिर्च - आधा चम्मच
हल्दी - आधा चम्मच

करने का तरीका
इसको करने के लिए आपको दूध में हल्दी व काली मिर्च डालकर उबालना है। इस दूध का सेवन करने से आपका बुखार बहुत जल्दी उतर जायेगा।
5. लहसुन
लहसुन का उपयोग बहुत सारी आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है। आइये देखते हैं इसको उपयोग करने का तरीका।

इसके लिए आपको चाहिए
लहसुन - दो फाँक
जैतून का तेल - दो बड़े चम्मच

करने का तरीका
लहसुन की दो फांकों को अच्छे से पीसकर जैतून के तेल में डालकर गर्म करें। इस तेल को रोगी के पैरों के तलवों पर लगायें। इसके बाद आप पैरों पर एक रेशमी कपड़ा लपेट लें और इसे कुछ घंटों के लिए लगा

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